हौज़ा / सुश्री अज़ीज़ फ़ातिमा रिज़वी का कहना है कि इमाम अली रज़ा (अ) की दरगाह में सेवा करना केवल एक ज़िम्मेदारी नहीं है, बल्कि ज़ाएरीन की सेवा के माध्यम से रूहानी रुश्द और मारफ़त का ज़रिया है।