हौज़ा / शत्रु के षडयंत्रों को निकाल कर दफना दिया जाएगा। यह इमाम हुसैन (अ.स.) का चेहलुम शिया के सम्मान और मर्यादा का दिन होगा। पाकिस्तान के शिया सुन्नी लोग इमाम से प्यार करते हैं।