۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024

रोज़ाना पचास आयतों

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  • क़ुरआन की तिलावत की फ़ज़ीलत और उसका सवाब

    क़ुरआन की तिलावत की फ़ज़ीलत और उसका सवाब

    हौज़ा/क़ुरआन अल्लाह की तरफ़ से अपने बंदों के लिए एक अहद और मीसाक़ है, मुसलमान को चाहिए कि वह अपना अहद नामा ध्यान से पढ़े और रोज़ाना पचास आयतों की तिलावत करे।उसके बाद आपने फ़रमाया क़ुरआन की तिलावत ज़रूर किया करो (इसलिए कि) क़ुरआन की आयतों के मुताबिक़ जन्नत के दर्जे होंगे, जब क़यामत का दिन होगा तो क़ुरआन पढ़ने वाले से कहा जाएगा क़ुरआन पढ़ते जाओ और अपने दरजात बुलंद करते जाओ, फिर वह जैसे जैसे आयतों की तिलावत करेगा उसके दरजात बुलंद होते चले जाएंगे।

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