۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
लोरी
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रोज़े ग़दीर उस लकीर का नाम है जो पाखंडी और आस्तिक के मार्ग को अलग करती है, अल्लामा राजा नासिर अब्बास
हौज़ा / मजलिस-ए-वहदत-ए-मुस्लेमीन-ए-पाकिस्तान के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि ख़ालिक़ और मालिक का हर घड़ी और हर क्षण शुक्रिया करके भी उस नेमत का हक़ अदा नही किया जा सकता कि उसने हमे ऐसे परिवार में पैदा किया है जहां बच्चों को लोरीयो में भी या अली या अली की आवाज़े सुनाई जाती है। सच और झूठ की पहचान करने के लिए ज़िक्र अली से बड़ा कोई हथियार नहीं है।