۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
विश्व प्रसिद्ध कवि
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अल उसवा फाउंडेशन सीतापुर के प्रधान संपादक
शाइरे अहलेबैत (अ.स.) रज़ा सिरसीवी का कलाम उनकी जिंदगी की अलामत बनकर हमैशा बाकी रहेगी, मौलाना हमीदुल हसन ज़ैदी
हौज़ा / मानवीय रिश्तों के मूल्य को ध्यान में रखते हुए स्वर्गीय रजा सिरसीवी द्वारा छोड़ी गई माँ के बारे में अमर कविता उनके दयालु व्यक्ति होने का प्रमाण है। जिसे पढ़ने या सुनने के बाद, समाज का हर वर्ग अपनी माँ को देखता है।