शबे कद्र
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शबे क़द्र में सबसे अच्छे कर्म दान और सच्ची प्रार्थनाएँ हैं
हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम रहीमी ने कहा: शबे क़द्र पर हम जो सबसे अच्छे काम कर सकते हैं वह दान देना और सच्ची और शुद्ध प्रार्थना करना है।
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दिन की हदीस:
माहे रमज़ान उल मुबारक का दिल
हौज़ा/हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में माहे रमज़ान उल मुबारक के दिल की ओर इशारा किया हैं।
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शबे क़द्र रमज़ान के पवित्र महीने का दिल है
हौज़ा / ईरान के इस्फ़हान शहर के इमाम जुमा ने कहा: बुजुर्ग विद्वान कद्र की रात में पवित्र पैगंबर से प्रार्थना, दान और तवस्सुल का आग्रह करते हैं। उन्होंने कहा: रमज़ान का महीना तौबा का महीना है और उसका दिल शबे क़द्र है।
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तौबा कुबूल होने की शर्त यह है कि गुनाह दोबारा न हो
हौज़ा / हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन मुतीई ने कहा: अल्लाह के रसूल (स) ने कहा कि जो कोई क़द्र की रात में जागता है और अल्लाह को याद करता है, उस पर अगले एक साल के लिए ईश्वरीय दंड टल जाएगा।
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:दिन की हदीस
शब ए क़द्र में इबादत का तरीका
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में शबे क़द्र में इबादत के तरीका की ओर इशारा किया हैं।
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:इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई
शबे क़द्र दुआओं के कबूल होने की रात हैं।
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,शबे कद्र में जहां पर लोग आमाल करते हैं और अल्लाह से दुआ करते हैं और अल्लाह तआला से यह भी दुआ करें कि अल्लाह तआला इन तमाम दुआओं को कुबूल करें !
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:इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई
शबे क़द्र की तैयारी
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,रमज़ान के मुबारक महीने में अपने दिलों को जितना हो सके, अल्लाह की याद से, नूरानी कर लें ताकि शबे क़द्र की पाकीज़ा रातों में जाने के लिए तैयार रहें ।
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कज़वैन प्रांत में वली फ़कीह के प्रतिनिधि:
शब-ए-क़द्र को नज़रअंदाज़ करना सरासर नुकसान का कारण है
हौज़ा / ईरान के क़ज़वैन प्रांत मे वली फ़क़ीह के प्रतिनिधि ने कहा: शब-ए-क़द्र के महत्व को अनदेखा करना इंसान के लिए बहुत बड़ी क्षति है। शब-ए-क़द्र में हमें देखना चाहिए कि हम कहां खड़े हैं और हमने पूर्णता के मार्ग पर क्या कदम उठाए हैं।
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मेम्मबर ऑफ ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड लखनऊः
मासूमीन (अ०स०) और क़ुरआन की निगाह में शबे क़द्र कीअज़मत
हौज़ा / इस्लामी तालीमात में शबे कद्र को एक खास अहमिय्यत हासिल है। यहां तक कि हुजूरे अकरम (स.अ.व.व.) ने फरमाया कि बेशक खुदा ने शबे कद्र को मेरी उम्मत को आता फरमाया है। जबकि उस से पहले की उम्मत वालों को आता नहीं फरमाया। इसी तरह निगाहे कुरान में इस शब की अजमत को यूं बयान किया गया।