हौज़ा/ हुज्जतुल इस्लाम मीर सादक़ी ने कहा है कि दुआ, सदका और नमाज़ जैसे आमाल इंसान की तक़दीर में बदलाव ला सकते हैं जो कुछ शब-ए-क़द्र या रूह फूंके जाने के वक़्त इंसान के लिए मुक़द्दर किया जाता…