۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
शमीमुल मिल्लत
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आयतुल्लाहिल उज़्मा साफी के निधन पर आयतुल्लाह शमीमुल हसन का शोक पत्र
आह ! एक और फ़क़ीह से दुनिया खाली हो गई
हौज़ा / इमाम असर (अ.त.फ.श.) मे आप की विशेष रुचि थी। इमाम ज़माना के बारे में विद्वानों और छात्रो के लिए आपकी पुस्तक "मुंतखबुल असर" अज्ञात नहीं है। आप आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद मौहम्मद रज़ा गुलपायगानी के दामाद थे आपकी खिदमाते हसाना मे अज़ा ए अय्यामे फ़ातेमी का आयोजन चमकते हुए सूरज की भांति जग जाहिर है, जिसको आयतुल्लाहिल उज़्मा जवाद तबरीज़ी और आयतुल्लाहिल उज़्मा वहीद खुरासानी ने साथ मिलकर स्थापित किया था।