शरई आहकाम (36)
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शरई अहकाम:
धार्मिकजो आदमी रोज़ा रखना चाहता है क्या उसके लिए खेलाल करना ज़रूरी हैं?
हौज़ा/जो आदमी रोज़ा रखना चाहता हो उसके लिए आज़ाने सुबह से पहले दांतों में खेलाल करना ज़रूरी नहीं है, लेकिन अगर इसे ज्ञान हो कि जो खाना दातों के दरमियान में रह गई है वह दिन के वक्त पेट में चली…
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शरई अहकाम:
धार्मिकजादू करना या करवाना शरीयत की निगाह में कैसा है?
हौज़ा/जादू करना या करवाना यहां तक की सीखना या सीखाना या इसके माध्यम से पैसा कमाना हराम हैं?
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शरई अहकाम:
धार्मिकक्या फोटो ग्राफर के लिए शादी की ऐसी पार्टियों की दावत कबूल करना जिस में शराब पी जाती हो जायज़ हैं?
हौज़ा/शराब और इस तरह की दूसरी पार्टियों जो हराम है इनमें फोटो खींचना जायज नहीं है।
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शरई अहकाम:
धार्मिकअगर कोई हमसे किसी आदमी के अख्लाक के बारे में सवाल करे तो क्या जवाब देना ग़ीबत हिसाब होगा,
हौज़ा/अगर वह किसी खास अम्र में मशवेरा करना चाहता है जैसे शादी वगैरा तो इन मौके में इसकी ग़ीबत करना जायज़ हैंं।
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शरई अहकाम:
धार्मिकवह कपड़े जिनकी कैफियत अच्छी ना हों, और इस्तेमाल के लायक ना हो तो क्या इन्हें सदके में दिया जा सकता है?
हौज़ा/सदके में कोई शर्त नहीं है बल्कि काफी है कि वह सामान कीमत रखता हो, अल्बत्ता अगर सैय्यद को सदका दे रहे हैं तो इतना काम ना हो कि उसकी तौहीन हो,
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शरई अहकाम:
धार्मिकबिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाने का हुक्म क्या हैं?
हौज़ा/अगर इसमें दूसरे की जान को खतरा हो तो जायज़ नहीं है बल्कि एहतियात की बिना पर इस सूरत के अलावा भी जायज़ नहीं हैं।