हौज़ा/ मानवीय मार्गदर्शन के लिए केवल अक़्ल को ही पर्याप्त मानना तर्कसंगत लगता है, लेकिन जब हम गहराई से देखते हैं, तो ईश्वरीय मार्गदर्शन की छिपी हुई आवश्यकता स्पष्ट हो जाती है। पैगम्बर तर्क…
हौज़ा / हज़रत इमाम ए ज़माना अ.स. की गैबत की दो हैसियतें थीं एक सुग़रा और दूसरी कुबरा। ग़ैबते सुग़रा की मुद्दत 5 साल थी। उसके बाद ग़ैबते कुबरा शुरू हो गई। ग़ैबते सुग़रा के ज़माने में आपका एक नायबे…