शहादत के मौके पर संक्षिप्त परिचय
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हज़रत इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम की शहादत के मौके पर संक्षिप्त परिचय
हौज़ा / हज़रत इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम के बहुत अलक़ाब हैं जिनमें सबसे प्रसिद्ध रज़ा है जिसका अर्थ है राज़ी व प्रसन्न रहने वाला इस उपाधि का बहुत बड़ा कारण यह है कि इमाम अलैहिस्सलाम ख़ुदा की हर इच्छा पर प्रसन्न रहते थे और इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम के साथी एवं अनुयाई भी आप से प्रसन्न रहते थे और इमाम के दुश्मन उनकी अप्रसन्नता का कोई कारण नहीं ढूंढ पाते थे।
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हज़रत इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम की शहादत के मौके पर संक्षिप्त परिचय
हौज़ा/हज़रत इमाम अली इब्नुल हुसैन ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम के कई नाम थे जिनमें सज्जाद, सैयदुस्साजेदीन और ज़ैनुल आबेदीन प्रमुख हैं आप की इमामत का काल कर्बला की घटना और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत के बाद शुरू हुआ इस काल की ध्यान योग्य विशेषताएं हैं। इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम ने इस काल में अत्यंत अहम और निर्णायक भूमिका निभाई। करबला की घटना के समय उनकी उम्र 24 साल थी और इस घटना के बाद वे 34 साल तक जीवित रहे इस अवधि में उन्होंने इस्लामी समाज के नेतृत्व की ज़िम्मेदारी संभाली और विभिन्न मार्गों से अत्याचार व अज्ञानता के प्रतीकों से मुक़ाबला किया।