۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
शहीद अमर रहे
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कर्बला का वाकिया इंसानियत की मेराज है। अल्लामा सैय्यद नाज़िर अब्बास तक़वी
हौज़ा/ कर्बला वालों ने इंसानियत के लिए वह खोतुत छोड़े हैं जो इंसानियत को ज़िल्लत से निकालकर इज्ज़त की जानिब ले जाते हैं।