हौज़ा / ज़ुल्म और इमाम ज़ामाना (अ) के ज़ुहूर के बीच हमेशा चर्चा होती रही है। क्या ज़्यादा ज़ुल्म, ज़ुहूर के लिए ज़मीना साज़ है, या फिर ये इस बात का मतलब है कि इंसान को और तैय्यार होना चाहिए ताकि…
हौज़ा/शहीद मुतहारी बौद्धिक एवं सांस्कृतिक केंद्र कश्मीर द्वारा आयोजित "अहले बैत (अ) शैक्षिक एवं प्रशिक्षण कार्यशाला" सफलतापूर्वक संपन्न हुई।