हौज़ा / क़ुरआन के मुफ़स्सिर ने कहा, मजलिसों में क़ुरआनी सामग्री बयान होनी चाहिए और लोगों को क़ुरआनी शिक्षाओं का पाबंद बनाना चाहिए। गैर मौजूद शायरी और कहानियों के बजाय, मजलिसों और तबलीगी दिनों…