शिया अज़ादारी
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फ़ोटो / हज़रत मूसा मुबरक़ा (अ) की वफ़ात पर अजादारी
हौज़ा / 22 रबीअ उस-सानी को, इमाम जवाद के बेटे, हज़रत मूसा अल-मुबरका (अ) की वफ़ात पर अज़ादारी के दृश्य
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मुहर्रम अल-हराम और हम
हौज़ा / मुहर्रम अल-हराम इस्लामी वर्ष का वह महीना है जिसे परमेशवर ने स्वंव महान, पवित्र, सुरक्षित और शांति वाला बनाया है।
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हज़रत इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम की शहदत पर संक्षिप्त परिचय
हौज़ा / हज़रत इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम कर्बला की घटना के समय उनकी उम्र 24 साल थी कर्बला के वाकया के बाद इस अवधि में उन्होंने इस्लामी समाज के नेतृत्व की ज़िम्मेदारी संभाली और विभिन्न मार्गों से अत्याचार व अज्ञानता के प्रतीकों से मुक़ाबला किया।
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आशूरा के दिन बड़ी अकीदत के साथ उठाया गया ताज़िया
हौज़ा/मंगलवार को यौमे आशूरा मनाया गया इस मौके पर अज़ादारों ने नौहा मातम के साथ आंसूओं के नज़राने पेश कर ताजियों को अपनी-अपनी कर्बलाओं में सुपुर्द ए खाक कर दिए
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:दिन कि हदीस
अल्लाह तआला के बताए हुए फराइज़ इस पर अमल करो
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में परहेज़ गार बनने के लिए रास्ते की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
मग़रूर मनुष्य पर तअज्जुब
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में मग़रूर आदमी के हालात पर ताज्जुब किया हैं।
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देश में मौजूदा हालात को देखते हुए छात्रों और ओलेमा इकराम की ज़िम्मेदारियां बढ़ती जा रही हैं।
हौज़ा/इस वक्त ज़रूरत इस बात की है कि मातृभूमि में मुसलमानों की हौसला हतोत्साहित ना होने दी जाए और पारंपरिक गंगा जामुनी सभ्यता को बढ़ावा देकर देश के निर्माण और विकास में अधिक से अधिक भाग लिया जाए
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:दिन की हदीस
माहे शाबान का नाम ,,शाबान,, रखने की वजह
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में माहे शाबान का नाम ,,शाबान,, रखने की वजह को बयान किया हैं।
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शाह देवयत आज़मगढ़ में नि:शुल्क आंखों की जांच,
हौज़ा/ जरूरतमंदों में चश्मा और दवाइयां मुफ्त तक्सीम की गई विभिन्न धर्म और समुदाय के लोगों ने मुफ्त जांच कराई सौ से अधिक लोगों का कंप्यूटराइज्ड मशीन से परीक्षण किया गया
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:दिन की हदीस
अख्लाकी गुणों का उदय
हौज़ा/ हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में अख्लाकी गुणों के उदय की ओर इशारा किया है।
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मौलाना क्लबे जवाद नक़वी ने अफगानिस्तान में शिया जामा मस्जिद में हुए बम विस्फोट की कड़ी निंदा की
हौज़ा/नमाज़े जुमआ के दौरान मस्जिद पर हमला करके बेगुनाह नमाज़ियों को शहीद करना इस बात की अलामत है कि आतंकवादी संगठन इस्लाम विरोधी ताकतों के उपकरण हैं जिन्हें इस्लाम की आड़ में इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम करने के लिए तैयार किया गया है।
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छात्रों को पाठ्यक्रम में पुरानी पुस्तकों को पढ़ाना चाहिए, आयतुल्लाह हाफिज बशीर नजफी
हौज़ा/पाकिस्तान में शियाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और देश में शियाओं के सामने आने वाली कठिनाइयों के बावजूद शियाओं की संख्या बढ़ रही है।
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इज़रायल के विदेश मंत्री का बहरैन दौरा, शियाओं ने इसका कड़ा विरोध किया है।
हौज़ा/राजनयिक संबंध स्थापित करने के बाद से इज़रायल के विदेश मंत्री ने बहरैन की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा की है,शिया संगठन अलवेफ़ाक के उप महासचिव शेख़ हुसैन अलदेहा ने कहा कि हम इसका कड़ा विरोध करते हैं।
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अरबीन के मौके पर हमने पूरी दुनिया को बता दिया की दुनिया की कोई भी ताकत नवासा ए रसूल कि मोहब्बत से रोक नहीं सकती,अल्लामा नासिर अब्बास जाफ़री
हौज़ा/ रसूल के नवासे से इश्क करने वाले सब हुसैनीयों ने मौला इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम से जिस खूबसूरत तरीके से अपना वादा पूरा किया उसके लिए मैं उन्हें सलाम करता हूं।
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जहां नई बस्तियां बसेंगी, वहां नई सबीलें लगाई जाएंगी और नए जुलूस भी निकाले जाएंगे, अल्लामा बरकत मुताहरि
हौज़ा/मजलिस-ए-वहदत मुस्लिमीन के केंद्रीय प्रवक्ता अल्लामा मकसूद अली दोमकी और बलूचिस्तान प्रांत के महासचिव अल्लामा बरकत अली अब्दुल अलहाई आमिर से मुलाकात कि
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अज़ादारी नहीं रुकेगी, अलीयुन वलीयुल्लाह की आवाजें पहले से ज्यादा गूंजेंगी, अल्लामा शहंशाह नकवी
हौज़ा / इमाम हुसैन (अ.स.) की जीवनी से हमें एक सीख मिलती है कि जिस हक़ बात को रोका जाए उसे अधिक से अधिक किया जाए।
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अज़ादारी को अल्लाह और उसके रसूल के अनुसार करना चाहिए, अपने मिज़ाज के अनुसार नही, मौलाना तत्हीर हुसैन ज़ैदी
हौज़ा / हमारा विश्वास, सुख और दुःख पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) और मासूमीन (अ.स.) के अधीन होना चाहिए।
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अज़ादारी-ए-इमाम हुसैन अ.स इत्तेहाद का मरकज़ हैं इसलिए हमने हमेशा मिम्बर से इत्तेहाद की दावत दी हैं : मौलाना कल्बे जवाद नक़वी
हौज़ा / मौलाना ने एक बार फिर शाह गंज जौनपुर के इलाक़े में पुलिस के ज़रिये ताज़िये की बेहुरमती की सख़्त अलफाज़ में मज़म्मत की। और कहा कि अब जबकि गाइडलाइन आ चुकी है तो पुरे उत्तर प्रदेश में पुलिस गाइडलाइन पर अमल करें और अज़ादारों को हरगिज़ परेशान न किया जाये। और जो लोग ये ऐतराज़ कर रहे है कि मजलिसे तो ख़ुद ही ज़ुल्म के ख़िलाफ एहतेजाज है लिहाज़ा ये क्यों कह दिया कि कल से मैं एहतेजाजन इमामबाड़ा ग़ुफ़रानमॉब में मजलिस नहीं पढूंगा।
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कोरोना के दिनों में मजालिस मे शिरकत करने के संबंध में आयतुल्लाहिल उज़्मा वहीद खुरासानी की नज़र
हौज़ा / शिया मरजा ए तक़लीद ने कोरोना के दिनों में मजालिस में शिरकत करने के संबंध में एक प्रश्न का उत्तर दिया है।
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अज़ादारी ए इमाम हुसैन (अ.स.) हमारी शह रगे हयात है, मौलाना सैयद ग़ाफ़िर रिज़वी
हौज़ा / इमाम हुसैन (अ.) की मज़लूमियत पर रोना, रुलाना या रोने वाले की सूरत बनान अर्थात इमाम हुसैन (अ.स.) के ग़म मे किसी भी प्रकार ग़मग़ीन होने वाले को जन्नतुल फ़िरदौस की बशारत दी गई है।
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मौलाना कलबे जवाद नक़वी ने जम्मू-कश्मीर में अज़ादारी और जुलूसों को फिर से शुरू करने के लिए सरकार और एल.जी मनोज सिन्हा का शुक्रिया अदा किया,
हौज़ा/मौलाना कलबे जवाद नक़वी ने जम्मू-कश्मीर के शियाओं से जुलूसे आज़ा के दौरान अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने की अपील की पूर अमन तरीके से जुलूस निकाले और अज़ादारी के दुश्मनों से होशियार रहें,
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अज़ादारी के खिलाफ रूकावटे बंद नही की गईं तो अशूरा के जुलूसों को धरना-प्रदर्शन में बदल दिया जाएगा, शिया उलेमा काउंसिल पाकिस्तान
हौज़ा / सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि अज़ादारी यजीदी सोच के खिलाफ है, मुकदमा, गिरफ्तारी और दबाव अज़ादारी में बाधक नहीं हो सकता, फोर्थ शैड्यूल का दुरूपयोग बंद होना चाहिए, रैलियों की सूचना देने में पुलिस बेईमानी कर रही है।
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अज़ादारी भरपूर अंदाज में मनाने के लिए हमने अपनी तमाम तैयारियां मुकम्मल कर ली है।अल्लामा सैय्यद रज़ी जफ़र नक़वी,
हौज़ा/जाफरिया एलायंस पाकिस्तान के प्रमुख ने कहा कि मुहर्रम आने से पहले पाकिस्तान की सरकार को मुद्दों को सुलझाने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।2 अगस्त को निश्तार पार्क कराची में मुहर्रम सम्मेलन भी होगा।