हौज़ा / आयतुल्लाह गुलपाएगानी एक रूहानी हालत का वर्णन करते हैं, जिसमें वे स्वयं को मंशा ए फ़ैज़ समझते थे, लेकिन इमाम काज़िम (अ) और अमीरुल मोमेनीन (अ) से मदद मांगकर उन्होंने बंदगी की हक़ीक़त और…