संगोष्ठी
-
धार्मिक विद्वान और चिकित्सक, समाज में अहम भूमिका निभाते हैं: हुज्जतुल इस्लाम सैयद अबुल कासिम रिजवी
हौज़ा / मेलबर्न के इमाम जुमा ने कहा: धार्मिक विद्वान और डॉक्टर की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एक शरीर का डॉक्टर होता है और दूसरा आत्मा का डॉक्टर होता है। एक पर इलाज की जिम्मेदारी होती है और दूसरे पर जिम्मेदारी रोगी और उसके परिवार को निराशा से बाहर निकालें और उन्हें ईश्वर में विश्वास रखने के लिए प्रोत्साहित करें।
-
पैगंबर (स.अ.व.व.) का पवित्र अस्तित्व धर्मों के सभी अनुयायियों के लिए एक आदर्श है
हौजा / भारत मे वली फ़क़ीह के प्रतिनिधि ने पैगंबर (स.अ.व.व.) के पवित्र अस्तित्व को सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए एक मॉडल के रूप में करार दिया और भारत सरकार की तत्काल प्रतिक्रिया की सराहना की और पवित्र धर्मों और संप्रदायों की पवित्रता बनाए रखने पर जोर दिया।
-
सेमिनारः
इमाम खुमैनी के महान विचार और उपलब्धियां
हौज़ा / इमाम खुमैनी के बरसी के अवसर पर बानी ए तंज़ीम अल मकातिब हॉल में "इमाम खुमैनी के महान विचार और उपलब्धियां" नामक एक संगोष्ठी आयोजित की गई।
-
"सैय्यदुल उलेमा आयतुल्लाह सैय्यद अली नकी नक़्क़न का संघर्ष और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में उनके जीवन और सेवाओं पर एक संगोष्ठी"
हौज़ा / प्रामाणिक साक्ष्य के आलोक में, मदरसा के शोधकर्ता शेख ज़ियाउल करबलाई ने सैय्यदुल उलेमा आयतुल्लाह सैय्यद अली नक़ी नक़वी (र.अ.) के धन्य जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके लेखन, शिक्षक, छात्रो और समकालीन विद्वानो का उल्लेख किया। वह एक न्यायविद, इतिहासकार और लेखक थे।
-
तंज़ीमुल मकातिब में संगोष्ठी का आयोजन:
इमाम सज्जाद ने गुलामों को बच्चों की तरह प्रशिक्षित किया है: मौलाना सैयद अली हाशिम आबिदी
हौज़ा/ जामिया इमामिया के शिक्षक ने इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ.स.) के गुणों का वर्णन करते हुए कहा कि शेख तूसी ने इमाम सज्जाद के छात्रों की संख्या 171 बताई है। इसी तरह इमाम सज्जाद ने एक लाख गुलामों को खरीदा, शिक्षा और प्रशिक्षण के बाद, उन्हें अल्लाह के रास्ते में मुक्त कर दिया, जो बाद में इस्लाम के प्रचारक बन गए। उन्होंने कभी भी अपने किसी गुलाम को गुलाम नहीं माना, लेकिन उन्हें हमेशा "यबनी" या "मेरा बेटा" कहकर संबोधित किया, जिसका अर्थ है कि आपने उन्हें गुलामों के बच्चों की तरह प्रशिक्षित किया।
-
धर्मगुरुओं ने की, तीन दिवसीय संगोष्ठी में सम्मिलित होने की अपील
हौज़ा / भारत की प्रसिद्ध संस्था तनज़ीमुल मकातिब की ओर से "एक अल्लाह की इबादत और मानवता की सेवा, क़ुरआन और मोहम्मद साहब स०अ० का संदेश" के शीर्षक से तीन दिवसीय संगोष्ठी शुक्रवार, शनिवार, रविवार 10, 11 और 12 दिसम्बर को आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु एवं बुद्धिजीवी शामिल हो रहे हैं।
-
मौलाना आजाद नैश्नल उर्दू यूनीवर्सिटी में भारत की एकता में भाषाओं की भूमिका पर संगोष्ठी, प्रो. ऐनुल हसन और अन्य का संबोधनः
ईश्वर में विश्वास रखने वाला यह भी जानता है कि दूसरों का सम्मान कैसे करना है, डॉ इंद्रेश कुमार
हौज़ा / अलग-अलग भाषाओं और धर्मों में अलग-अलग लोग ईश्वर से ऊपर वाले को अल्लाह, ईश्वर, भगवान कहते हैं। इसका मतलब है कि भाषाएं अलग हैं लेकिन उनका एक ही अर्थ है। यह भाषाओं की सुंदरता है। इसे समझकर हम एकता और एकजुटता दिखाना चाहते हैं। तभी हम अपनी मातृभूमि को एक बेहतर देश बना पाएंगे।
-
हरमे इमाम रज़ा (अ.स.) मे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रिज़वी मुबल्लेग़ीन की पहली संगोष्ठी
हौज़ा / ٰٰआस्तानाे कुद्से रिज़वी और जामेअतुल मुस्तफा अल-आलमिया के सहयोग से रिज़वी मुबल्लेग़ीन के बीच पहली पारस्परिक संगोष्ठी आयोजित की गई।
-
कारगिल में " फ़लसफ़ा ए अज़ादारी ए इमाम हुसैन (अ.स.) नामक सेमीनार:
शांति और सद्भाव के लिए काम करना इमाम हुसैन (अ.स.) का मार्ग है, मुक़र्रेरीन
हौज़ा / सेमीनार के वक्ताओं ने इमाम हुसैन (अ.स.) की अज़ादारी और शहादत के फ़लसफ़े पर विस्तार से बताया और समाज के विभिन्न वर्गों और विभिन्न धर्मों के बीच शांति और सद्भाव पर जोर दिया।
-
हम और हमारी अज़ादारी दोनो खुदा पसंद हो, उलेमा और दानिशवराने लखनऊ
हौज़ा / लखनऊ में तंजीमे इमाम सज्जाद द्वारा "हम और हमारी अज़ादारी" पर एक अकादमिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे मौलाना अख़्तर अब्बास जौन कर्बला और अक़लानियत पर निहायत महत्वपूर्ण मतालिब के जिम्न मे बयान किया कि अज़ादारी और दीनदारी मे अक़ल को हाकिम होना चाहिए।
-
ईरानी कल्चर हाउस मुम्बई में "हज उम्मते इस्लामिया के इत्तेहाद और वहदत का मज़हर" पर सेमिनार का आयोजन
हौज़ा / ज़िल हिज्जा के महीने और हज के मौसम के मद्दे नजर भारत के शहर मुम्बई मे ईरानी कल्चर हाउस की ओर से हज इस्लामी उम्माह की एकता का प्रकटीकरण (हज उम्मते मुस्लेमा के इत्तेहाद और वहदत का मज़हर) नामक एक वेबनार का आयोजन हुआ।