हौज़ा/इस्लामी पहचान यह है कि औरत अपनी पहचान और औरत होने की ख़ूबियों को बाक़ी रखने के साथ साथ, तरक़्क़ी के मैदान में आगे बढ़े। यानी अपने कोमल जज़्बात और भीतर से उबलते हुए जज़्बात की, मोहब्बत और…