हौज़ा/बरज़ख के सवाल आसान लगते हैं, लेकिन उनके उत्तर ज़ुबान या मन से नहीं, बल्कि हृदय की गहरी आस्था और विश्वास से आते हैं। यही अंतर बरज़ख की परीक्षा को दुनिया की परीक्षाओं से कहीं ज़्यादा कठिन…
हौज़ा / आजकल जब मुंजी ए बशरिय्यत के इंतजार को अक्सर निष्क्रियता और आराम से जोड़कर देखा जाता है, तो शोधों से पता चलता है कि यह सक्रिय और गतिशील इंतजार न केवल समाज की प्रगति में रुकावट नहीं डालता,…