۱ آذر ۱۴۰۳
|۱۹ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 21, 2024
सुन्न्ते पैगंबर
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ग़मे हुसैन (अ.स.) में रोना पैगंबर (स.अ.व.व.) की सुन्नत हैः मौलाना कल्बे जवाद नकवी
हौज़ा / मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने भी रिवायात और सुन्नत के माध्यम से इमाम हुसैन (अ.स.) के दुख पर रोने का इनाम साबित किया और कहा कि हुसैन (अ.स.) के दुख के दौरान रोना इबादत है और इस्लाम के पैगंबर की सुन्नत है।
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शादी ब्याह और हमारा समाज
हौज़ा / दहेज की जगह संपत्ति (विरासत) के बंटवारे में न्याय और निष्पक्षता का प्रयोग किया जाए। उच्च कीमतों के इस समय में यह प्रक्रिया समाज के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है। जिससे समाज मे तवाज़न बरक़रार हो जाएगा और लोगो की परेशानीया कम हो जाएगी और फरि समाज में अविवाहित लोगों को शादी करने का अवसर दिया जाएगा।