۶ آذر ۱۴۰۳
|۲۴ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 26, 2024
सूर ए नेसा आयत न 64
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!इत्रे क़ुरआनः सूर ए नूर
पैग़म्बर मुहम्मद (स) की आज्ञाकारिता और हिमायत की भूमिका
हौज़ा/ यह आयत मुसलमानों को अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा मानने का महत्व बताती है। साथ ही, यह अल्लाह की दया और क्षमा के व्यापक द्वार की ओर ले जाता है। इस आयत के माध्यम से एक मुसलमान को यह संदेश दिया गया है कि वह पश्चाताप और क्षमा के माध्यम से अपनी गलतियों को सुधार सकता है और अल्लाह की दया से लाभ उठा सकता है।