सैयदा ज़हरा नकवी
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विद्वान, अध्यापक और माता-पिता शांति और सद्भाव के लिए अपनी भूमिका निभाएं: सैयदा ज़हरा नकवी
हौज़ा / एमडब्ल्यूएम महिला केंद्रीय महासचिव ने कहा कि विद्वानों को अपनी धार्मिक और सामाजिक स्थिति का उपयोग लोगों के बीच शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए करना चाहिए और अध्यापको को अपने पवित्र पेशे के माध्यम से देश के वास्तुकारों के भविष्य को संवारना चाहिए।
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हज़रत फातेमा ज़हरा (स.ल.) पैग़ंबरे इस्लाम (स.ल.व.व.) के अस्तित्व का खुलासा हैंः सैय्यदा ज़हरा नक़वी
हौज़ा/केंद्रीय महासचिव एमडब्ल्यूएम महिला विभाग और सदस्य पंजाब विधानसभा ने कहा: औरतों को जो सम्मान और ऊंचा मकाम इस्लाम ने दिया है, वह हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के कारण है।
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हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ.) के महान बलिदानों का उल्लेख अय्यामे अज़ा ए फातिम्या की मजलिसो में किया जाना चाहिए, सैयदा ज़हरा नकवी
हौज़ा / अगर हम जनाबे सैयदा (स.अ.) के जीवन का ध्यानपूर्वक अध्ययन करते हैं, तो बीबी दो आलम ने अपने चाहने वालो को अपनी करनी और कथनी के माध्यम से हर युग मे सबसे महत्वपूर्ण कार्य अर्थात विलायत का पालन करने और विलायत की रक्षा करने के लिए आमंत्रित कर रही है।
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झेलम, पिंड दादन खान में मातम मनाने वाली 200 सादत महिलाओं के खिलाफ एफ आई आर
हौज़ा / मजलिस-ए-वहदत-ए-मुस्लिमीन की सदस्य सैयदा जहरा नकवी ने पिंड दादन खान में 200 से ज्यादा महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज करने के खिलाफ पंजाब विधानसभा में नोटिस दाखिल किया है।
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बा हिजाब महिलाएं समाज में उच्च मूल्यों को स्थापित करने और इस्लामी व्यवस्था की स्थापना के लिए मजबूत आधार प्रदान करती हैं: ज़हरा नकवी
हौज़ा / अल्लाह ने महिला की गरिमा और साख को बनाए रखने के लिए हिजाब का आदेश दिया है और उसकी शरी आवश्यकताओं को पूरा करते हुए उसे एक व्यावहारिक क्षेत्र दिया गया चाहे वह ज्ञान का क्षेत्र हो, या राजनीति का क्षेत्र हो, उसकी क्षमताओं का उपयोग करने के लिए कोई कौशल या व्यवसाय हो।
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ईदे ग़दीर किसी विशेष वर्ग की ईद नहीं बल्कि इस्लाम के इतिहास की सबसे बड़ी ईद है, सैयदा ज़हरा नकवी
हौज़ा / हमें चाहिए कि जहां ईदे ग़दीर शान ओ शौकत से मनानी चाहिए वही उसका प्रचार और उसके संदेश को सार्वजनिक करने की जिम्मेदारी से ग़फ़लत न बरते और विलायते अमीरूल-मोमेनीन (अ.स.) के सच्चे अनुयायी बनकर इस संबंध में दुनिया का मार्गदर्शन करना चाहिए। एक ऐसा चरित्र भी प्रस्तुत करें जो आकर्षित करता हो।
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अपनी ज़ात की नफ़ी करना ही क़र्बानी का वास्तविक अर्थ है, सैयदा ज़हरा नकवी
हौज़ा / ईदुल-अज़हा के मौके पर पंजाब विधानसभा सदस्य और केंद्रीय महासचिव मजलिस-ए-वहदत-ए-मुसलमीन, महिला विभाग सैयदा ज़हरा नकवी ने कहा कि ईदुल-अज़हा मुसलमानों को यह सिखाती है कि वे इसे मनाने में संकोच न करें। उनकी आस्था और देश के लिए सबसे बड़ी क़ुर्बानी का सही अर्थ अपनी ज़ात को नकारना है।
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क़ुद्स मुस्लिम उम्माह का दिल है और इज़राइल उस पर कटार की तरह है, ज़हरा नकवी
हौज़ा / मजलिस-ए-वाहदत मुस्लेमीन की महिला अनुभाग की केंद्रीय महासचिव ने कहा कि दुनिया भर के मुसलमानों का यह कर्तव्य है कि वे पहले किबला और पीड़ित फिलिस्तीनियों की पवित्रता और सुरक्षा के समर्थन में अपनी आवाज उठाएं।
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बैतुल मुकद्द्स की आजादी केवल फिलिस्तीनी मुद्दा नहीं है, यह इस्लाम का एक महत्वपूर्ण और बुनियादी मुद्दा है, ज़हरा नकवी
हौजा / MWM महिला मामलों की केंद्रीय महासचिव ने कहा कि फिलिस्तीन और यरूशलेम का मुद्दा न केवल अरबों का मुद्दा है, बैतुल मुकद्दस की आजादी न केवल फिलीस्तीनियों का मुद्दा है बल्कि यह इस्लाम का एक महत्वपूर्ण और बुनियादी मुद्दा है जिसको अत्याचार और बल द्वारा समाप्त नहीं किया जा सकता।
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महिला दिवस: फातिमा ज़हरा का जीवन हमारे लिए एक मार्गदर्शक है, सैयदा ज़हरा नकवी
हौज़ा / पंजाब विधानसभा की सदस्य ने महिला दिवस पर पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि महिला दिवस पर हमें अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त करना चाहिए कि हमे रसूल अल्लाह (स.अ.व.व.) की पुत्रि के किरदार को अपनाना चाहिए और उनके नक्शेकदम पर चलना चाहिए।
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:पंजाब विधानसभा की सदस्य
हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (सलामुल्लाहे अलैहा) के जन्म दिन को पाकिस्तान मे मदर डे के रूप मे मनाने की मांग
हौज़ा 20 जमादी उस्सानी हजरत मोम्हमद साहब की बेटी फातिमा ज़हरा (सलामुल्लाहे अलैहा) का जन्म दिवस है, जिसे पाकिस्तान में मदर डे के रूप में मनाया जाना जाए। यह मांग मजलिस-ए-वहदत-ए-मुसलेमीन की नेता और पंजाब विधानसभा की सदस्य सैयदा ज़हरा नकवी ने पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव प्रस्तुत किया।