हौज़ा / जामेअतुज ज़हरा (स) की प्रबंधक ने धार्मिक शिक्षा संस्थानों हौज़ात-ए-इल्मिया की भूमिका पर ज़ोर देते हुए छात्रों की बौद्धिक एवं विश्लेषणात्मक शिक्षा को समय की आवश्यकता बताया।