۷ آذر ۱۴۰۳
|۲۵ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 27, 2024
सोच-समझ
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आयतुल्लाह हुसैनी बुशहरी:
क़ुरआन की तिलावत अगर सोच-समझ कर की जाए तो यह दिलों की हिदायत का सबब बनती है
हौज़ा / आयतुल्लाह हुसैनी बू शहरी ने क़ुरआन की तिलावत अगर सोच-समझ कर की जाए तो इससे दिलों को हिदायत मिलती है और दिल गुनाहों से पाक हो जाते हैं।