हौज़ा / अल्लामा मुहम्मद तक़ी मिस्बाह यज़्दी रह.का कहना है कि उम्मत ए मुस्लिमा की कोताही, बेवफ़ाई और नाक़द्री की वजह से हम इमाम ए ज़माना (अ.स.) की ज़ाहिरी मौजूदगी से महरूम हो गए। जैसा कि ख़्वाजा…
हौज़ा / इ़ंतेज़ार करने से कर्तव्य खत्म नहीं होता और न ही काम को टालने की अनुमति मिलती है। धर्म के कर्तव्यों में ढील और उनका उत्साहपूर्वक पालन न करना बिलकुल उचित नहीं है।