हजरत जैनब
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हज़रत इमाम हुसैन अ.स. द्वारा हज़रत ज़ैनब अ. स.का सम्मान
हौज़ा/हज़रत ज़ैनब अ.स. की फ़िक्र, आपके अक़वाल और आपकी सीरत में अनेक प्रकार के नैतिक गुण पाए जाते थे जिसको इमाम हुसैन अ. के रवैये से समझा जा सकता है, इमाम हुसैन अ.स. जब कभी अपनी बहन से मिलते हमेशा आपका एहतेराम और सम्मान करते, इतिहास में मौजूद है कि, हज़रत ज़ैनब स.ल.अ. जब भी अपने भाई से मिलने जातीं, इमाम हुसैन अ.स. आपके सम्मान में अपने स्थान से खड़े हो जाते, और फिर आपको अपने स्थान पर बिठाते थें,
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:दिन की हदीस
हज़रत ज़ैनब (स.ल.)पर रोने का सवाब और मकाम
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में हज़रत ज़ैनब (स.ल.)पर रोने के सवाब और मकाम की ओर इशारा किया हैं।
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अगर ज़ैनब बिन्ते अली न होती तो ग़दीर की तरह कर्बला भी भुला दी जाती : मौलाना वसी हसन खान
हौज़ा/ सलाम हो उस बीवी पर जिसने कर्बला की कुर्बानी के संदेश को इमाम हुसैन की शहादत के बाद दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाया
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माता-पिता का उचित पालन-पोषण ही बच्चों को नरक से बचाएगा: हुज्जतुल-इस्लाम सैयद नसीमुल-हसन रिज़वी
हौज़ा / आखरी ज़माने के लिए विशेष रूप से आइम्मा-ए-अतहार (अ.स.) ने बच्चों के पालन-पोषण पर जोर दिया। यदि माता-पिता अपने बच्चो को अच्छा पालन-पोषण नही करेंगे तो बच्चे नरक की ओर चले जाएंगे, आखरी जमाने के बच्चो के लिए नरक की एक घाटी है जो सख्त सजाओ के लिए है। इसलिए, यदि आप अपने बच्चों को नर्क के इन दण्डों से बचाना चाहते हैं, तो अहलेबैत (अ.स.) के पदचिन्हो पर चलते हुए अपने बच्चों का पालन-पोषण करें ताकि हमारे बच्चे दुनिया और आखिरत दोनो मे सफल हो जाएं।