हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई
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कहगीलूये व बुवैर अहमद प्रांत के शहीदों की राष्ट्रीय कान्फ़्रेंस के प्रबंधकों की हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात/फोटो
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार दोपहर को कहगीलूये व बुवैर अहमद प्रांत के श'हीदों के श्रद्धांजलि पेश करने वाली राष्ट्रीय कान्फ़्रेंस कमेटी के सदस्यों से मुलाक़ात की।
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मजलिसे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम में हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी ने शिरकत की।फोटो
हौज़ा / माहे मोहर्रम के मौके पर नजफ अशरफ में मजलिसे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम आयोजित की गई जिसमें हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी ने शिरकत की।
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शरई अहकाम:
बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाने का हुक्म क्या हैं?
हौज़ा/अगर इसमें दूसरे की जान को खतरा हो तो जायज़ नहीं है बल्कि एहतियात की बिना पर इस सूरत के अलावा भी जायज़ नहीं हैं।
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आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई: हालिया बलवों के दौरान दुश्मन का सबसे अहम हथियार प्रौपैगंडा फैलाना था
हौज़ा/इन्क़ेलाब इस्लामी के नेता ने कहां,हालिया दंगों में दुश्मन का सबसे बड़ा हथकंडा साइबर स्पेस, सोशल मीडिया और पश्चिमी, अरब और इस्राईली मीडिया के ज़रिए प्रोपैगंडा फैलाना और लोगों को उकसाना था।
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शरई अहकम:
कमेंटी का ख़ुम्स
हौज़ा/यदि यह राशि कमाई और वेतन से भुगतान की गई हो तो ख़ुम्स कि तारीख आने पर ख़ुम्स को अदा करना होगा,लेकिन अगर पैसा किसी को क़र्ज़ के तौर पर दिया गया हो और ख़ुम्स की तारीख़ तक न मिल सक तो उसका खूम्स उसूली के बाद दिया जा सकता हैं।
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मौलवी अब्दुल वाहिद रीगी के किडनैप और शहादत पर पर सुप्रीम लीडर का शोक संदेश
हौज़ा/आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने जनाब मौलवी अब्दुल वाहिद रीगी के किडनैप और शहादत की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए शोक संदेश भेजा है और अधिकारियों से जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ कर सज़ा देने पर ताकीद की हैं।
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अरबईन के मौके पर इमाम ख़ुमैनी र.ह. इमामबाड़े में मजलिस जिसमें हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई भी शिरकत करेंगें
हौज़ा/इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के अरबईन या चेहलुम की मुनासेबत से शनिवार 17 सितम्बर को इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में स्टूडेंट्स की मातमी अंजुमनें अज़ादारी करेंगी जिसमें इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई भी शिरकत करेंगे।
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:महदवीयत
इंसान के लिए इससे बड़ी नेमत कोई नहीं है कि इमामे ज़माना अ.स.उसके साथ हैं और उसे देख रहे हैं
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,आज ज़मीन पर इमामे ज़माना का पाकीज़ा वुजूद लोगों के बीच बरकत, ईल्म, नूर, ख़ूबसूरती और सभी अच्छाइयों का सरचश्मा हैं
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मुश्किलों के हल के लिए ग़ैरों से उम्मीद करना गलत हैं।
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,कुछ लोग कठिनाइयों के समय में उसको भूल जाते हैं जिसके पास हर समस्या का हल है और उससे उम्मीद करते हैं जो खुद दूसरों के भरोसे ही जीवित हैं।