हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम (21)
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धार्मिकज़ुल्म के संगलाख़ सहरा मे अहले-बैत की मुहब्बत के गुलशन की सिंचाई
हौज़ा / सामर्रा कोई बड़ा शहर नहीं था मगर इन दो हस्तियों इमाम अली नक़ी और इमाम हसन असकरी अलैहिमुस्सलाम ने संपर्क और सूचना का ऐसा विशाल नेटवर्क बनाया कि वह इस्लामी दुनिया के कोने कोने तक फैल गया…
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धार्मिकहज़रत इमाम हसन असकरी अ.स. जुरजान का सफर
हौज़ा / हज़रत इमाम हसन असकरी अ.स का 3 रबीउस्सानी, 255 हिजरी में जुरजान तशरीफ ले गए वहां के लोगों के सवालों के जवाब के साथ-साथ बीमारियों में मुबतेला लोगों को शिफा दी।
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ईरानआज पूरे ईरान में ग्यारहवें इमाम की शहादत मनाई जा रही है
हौज़ा / 8 रबीउल अव्वल सन 260 हिजरी क़मरी को इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम की शहादत हुई थी आपकी क़ब्र इराक़ के सामर्रा नगर में है।
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धार्मिकइमाम मेहदी अलैहिस्सलाम के बारे में इमाम ए हसन अस्करी अ.स.की कुछ हादीसे
हौज़ा / हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम का एक काम महामुक्तिदाता इमाम मेंहदी अलैहिस्सलाम की ग़ैबत के काल से मोमिनीन को अवगत करना और यह बताना था कि ग़ैबत अर्थात नज़रों से ओझल होना।
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दिन की हदीसः
धार्मिकनसीहत कैसे करें?
हौज़ा / इमाम हसन असकरी (अ) ने एक रिवायत में दूसरों को नसीहत करने का तरीक़ा बयान फ़रमाया है।