हौज़ा / हज़रत इमाम हसन असकरी अ.स का 3 रबीउस्सानी, 255 हिजरी में जुरजान तशरीफ ले गए वहां के लोगों के सवालों के जवाब के साथ-साथ बीमारियों में मुबतेला लोगों को शिफा दी।
हौज़ा / हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम का एक काम महामुक्तिदाता इमाम मेंहदी अलैहिस्सलाम की ग़ैबत के काल से मोमिनीन को अवगत करना और यह बताना था कि ग़ैबत अर्थात नज़रों से ओझल होना।