हज़रत पैग़म्बरे इस्लाम स.ल.व.व.
-
हज़रत इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम की शहादत के मौके पर संक्षिप्त परिचय
हौज़ा / हज़रत इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम के बहुत अलक़ाब हैं जिनमें सबसे प्रसिद्ध रज़ा है जिसका अर्थ है राज़ी व प्रसन्न रहने वाला इस उपाधि का बहुत बड़ा कारण यह है कि इमाम अलैहिस्सलाम ख़ुदा की हर इच्छा पर प्रसन्न रहते थे और इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम के साथी एवं अनुयाई भी आप से प्रसन्न रहते थे और इमाम के दुश्मन उनकी अप्रसन्नता का कोई कारण नहीं ढूंढ पाते थे।
-
हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम अ.स. की विलादत के मौके पर संक्षिप्त परिचय
हौज़ा /हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम आप इमाम अली अलैहिस्सलाम और हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स.अ के बेटे और पैग़म्बरे इस्लाम स.ल.व.व. के नवासे हैं,आप की विलादत 15 रमज़ान सन 3 हिजरी शहरे मदीना में हुई और आप की विलादत के बाद पैग़म्बरे इस्लाम स.ल.व.व. ने आप को गोद में लेकर आप के कान में अज़ान और अक़ामत कही और फिर आप का अक़ीक़ा किया।
-
दुआ ए मकारेमुल अख़लाक़ और रमज़ान का महीना
हौज़ा/इस संसार के अन्त में लौटने का कोई मार्ग नहीं है ठीक उसी प्रकार जैसे अविकसित व विकरित बच्चा विकास करने एवं विकार दूर करने के लिये पुनः माता के पेट में नहीं जा सकता तथा पेड़ से टूटा हुआ फल दोबारा पेड़ में नहीं लग सकता।
-
हज़रत पैग़म्बरे इस्लाम स.ल.व.व. और इमाम जाफ़र सादिक़ अ.स.के मुबारक जन्म दिन पर सैकड़ों क़ैदियों की सज़ाएं माफ़
हौज़ा/हज़रत पैग़म्बरे इस्लाम स.ल.व.व. और इमाम जाफ़र सादिक़ अ.स.के मुबारक जन्म दिन पर 1800 से ज़्यादा क़ैदियों की सज़ा माफ़ या कम करने की तज़वीज़ पर रज़ामंदी दी हैं,इन लोगों को आम अदालतों, इंक़ेलाबी अदालतों और मिलिट्री कोर्ट और विभागीय कार्यवाही के तहत सज़ाएं मिली थीं