हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व
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दिन की हदीस:
जुमआ के दिन बेहतरीन इबादत
हौज़ा / हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में जुमआ के दिन बेहतरीन इबादत की ओर इशारा किया हैं।
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हज़रत सरवरे काएनात मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. की रहरत के मौके पर संक्षिप्त परिचय
हौज़ा / हज़रत पैग़म्बर ए अकरम स.ल.व.व. की ज़िंदगी के अख़लाक़ी पहलू और आप की सीरत के अनेक पहलू के बारे में बहुत कुछ लिखा और पढ़ा जा चुका है, लेकिन आपकी ज़िंदगी का वह पहलू जिसके बारे में बहुत कम किताबों या आर्टिकल्स में मिलता है वह आप की ज़िंदगी के आख़िरी समय के हालात हैं और शायद उस समय के हालात पर कम ध्यान देने के कारण उस समय की बहुत सारी हक़ीक़तों में फेर बदल किया गया और उसके बाद इतिहास के उन हालात का सामना होता है जो पैग़म्बर ए अकरम स.ल.व.व. की वफ़ात के बाद पेश आए, इस लेख में उन्हीं कुछ अहम हक़ीक़तों की तरफ़ इशारा किया गया है।
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अल्लाह तआला की इबादत के ज़रिए मुसलमान गुनाहों से निजात हासिल कर सकता है: मौलाना
हौज़ा / मौलाना आगा आबिद अली खान नजफी ने कहा कि अल्लाह ने रोज़ों को इसलिए फ़र्ज़ क़रार दिया है कि हम परहेज़गार बन सकें माहे रमज़ान में मुसलमान अल्लाह की इबादत के ज़रिए गुनाहों से निजात हासिल कर सकें।
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सच्चे मौत से नहीं घबराते बल्कि तमन्ना करते हैं: मौलाना मुस्तफ़ा अली ख़ान
हौज़ा / लखनऊ: इमामबाड़ा मीरन साहब मरहूम मुफ़्ती गंज का ख़दीमी अशरा-ए-मजालिस शब में ठीक ९ बजे मुनअख़िद हो रहा है, जिसे मौलाना मुस्तफ़ा अली ख़ान अदीबुल हिंदी ख़िताब फ़रमा रहे हैं|
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इत्रे क़ुरआनः
सूर ए बक़रा: जो व्यक्ति दूसरों के साथ अनुबंध करता है उसे उसका पालन करना चाहिए
हौज़ा / लोगों को तब धैर्य और दृढ़ता दिखानी चाहिए जब वे गरीबी और कठिनाई से पीड़ित हों और जब उनके सामने कठिनाइयाँ आ रही हों।
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माहे रमज़ान उल मुबारक के तीसवें दिन की दुआ (30)
हौज़ा/हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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माहे रमज़ान उल मुबराक के अठ्ठाईसवें दिन की दुआ (28)
हौज़ा/हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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माहे रमज़ान उल मुबारक के सत्ताईसवें दिन की दुआ (27)
हौज़ा/हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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माहे रमज़ान उल मुबारक के छब्बीसवें दिन की दुआ (26)
हौज़ा/हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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माहे रमज़ान उल मुबारक के पचींसवें दिन की दुआ (25)
हौज़ा/हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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माहे रमज़ान उल मुबारक के तेईसवें दिन की दुआ (23)
हौज़ा/हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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माहे रमज़ान उल मुबारक के बाईसवें दिन की दुआ (22)
हौज़ा/हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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माहे रमज़ान उल मुबारक के इक्कीसवें दिन की दुआ (21)
हौज़ा/हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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माहे रमज़ान के उन्नीसवें दिन की दुआ (19)
हौज़ा/हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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माहे रमज़ान के पन्दहवें दिन की दुआ (15)
हौज़ा/ हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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माहे रमज़ान के तेहरवें दिन की दुआ (13)
हौज़ा/ हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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माहे रमज़ान के बारहवें दिन की दुआ (12)
हौज़ा/ हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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माहे रमज़ान के ग्यारहवें दिन की दुआ (11)
हौज़ा/ हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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माहे रमज़ान उल मुबारक के नवें दिन की दुआ (9)
हौज़ा/ हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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माहे रमज़ान के छठे दिन की दुआ (6)
हौज़ा/ हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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माहे रमज़ान के दूसरे दिन की दुआ (2)
हौज़ा/ हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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माहे रमज़ान के पहले दिन की दुआ (1)
हौज़ा/ हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।