हौज़ा/दुआ के क़ुबूल होने की एक शर्त यह है कि उसे पूरे ज़ेहन व दिल की पूरी तवज्जो से माँगें, कभी कभी सिर्फ़ ज़बान से कहा जाता है ए अल्लाह मुझे माफ़ कर दे, ऐ अल्लाह मेरी रोज़ी बढ़ा दे, ऐ अल्लाह…
हौज़ा/आप किसी को किसी ओहदे पर नियुक्त करना चाहते हैं, एक काम का किसी को ज़िम्मेदार बनाना चाहते हैं, तो देखें कि उसमें उसे अंजाम देने की वह ख़ूबी है या नहीं? यानी लोगों से संबंधित मामलों में उस…