हौज़ा/ नजफ़ अशरफ़ में हज़रत अमीरुल मोमेनीन अली (अ) का पवित्र दरगाह सय्यद और सालार हज़त अबू अब्दिल्लाहिल हुसैन (अ) के अरबईन से तीन दिन पहले पूरी तरह हुसैनी माहौल में तब्दील हो गया है।
हौज़ा / हज़रत उम्मुल-बनीन (स) की वफ़ात दिवस की पूर्व संध्या पर अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) के हरम मुताहर के सहन और हॉल में दु:ख और मातम के शिलालेख लगाए गए।