۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024

हरमे मासूमा ए क़ुम

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  • ज़ाएरीन का सम्मान और सेवा करना अनिवार्य है

    आयतुल्लाह सईदीः

    ज़ाएरीन का सम्मान और सेवा करना अनिवार्य है

    हौज़ा / हज़रत मासूमा (स) के मुतावल्ली ने ज़ाएरीन की सेवा को अपनी सेवा कहा और कहा: हर इंसान किसी भी चीज़ से अधिक खुद से प्यार करता है और ज़ाएरीन की सेवा करने से रूही और कल्बी शांति  मिलती है और हज़रत मासूमा (स) तथा अहले-बैत (अ) और इमामों की निकटता का कारण है।

  • इमाम अली (अ.स.) की सलाह जिसे आप हर रात दोहराते थे

    इमाम अली (अ.स.) की सलाह जिसे आप हर रात दोहराते थे

    हौज़ा / हजरत मासूमा ए क़ुम (स.अ.) के हरम के ख़तीब ने कहा: इमाम अली (अ.स.) के सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक हमेशा मस्जिद में लोगों को उपदेश देना था। हर रात ईशा की नमाज़ के बाद लोगो को नसीहत करते और बुलंद आवाज से कहते थे, "आखिर के लिए ज़ादे राह मोहय्या करो, क्योंकि इस दुनिया से कूच की आवाज हमेशा आ रही है।"

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