हौज़ा/ यह आयत यह स्पष्ट करती है कि विश्वास मौखिक स्वीकारोक्ति या बाहरी कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि अल्लाह के रसूल (स) की आज्ञा का पालन करने और उनके निर्णयों को पूरे दिल से स्वीकार करने से…