26 रजबुल मुरज्जब
-
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई:
रजब के महीने का हर दिन अल्लाह की एक नेमत और बरकत हैं।
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,अगर इंसान अक़्लमंद, होशियार और जागरूक हो तो इसके हर लम्हे से वह चीज़ हासिल कर सकता है जिसके सामने दुनिया की सारी नेमतें मामूली हैं।
-
:दिन की हदीस
रजब के महीने में एक दिन रोज़ा रखने का सवाब
हौज़ा/ हज़रत इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में रजब के महीने में एक दिन रोज़ा रखने के सवाब की ओर इशारा किया हैं।
-
इस्लामी कैलेंडर: 26 रजबुल मुरज्जब 1442
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडर: 26 रज्जबुल मुरज्जब 1442, वफ़ाते सैय्यदुल बतहा हज़रत अबू तालिब (अ.स.)। आपकी की वफ़ात (मृत्यु) पर हज़रत मुहम्मद (स.अ.व.व.) ने बहुत आंसू बहाए और हज़रत अली (अ.स.) को ग़ुसल और कफ़न देने का आदेश दिया और आपने उनके लिए तलबे रहमत की दुआ की। जब हज़रत मौहम्मद (स.अ.व.व.) हज़रत अबू तालिब को दफनाने की जगह पर पहुँचे, तो उन्होंने कहा: मैं इस तरह से तुम्हारी मग़फ़ेरत और शफ़ाअत के लिए दुआ करूँगा कि जिन्न और इंसान चकित रह जाएँ। आपके पवित्र शरीर को मक्का में आपके पिता अब्दुल मुत्तलिब के साथ खजून कब्रिस्तान में दफनाया गया।