हौज़ा / बेटी एक नेमत है, एक रहमत है, जब हज़रत फ़ातिमा आती थीं तो अल्लाह का प्यारा भी उनके स्वागत के लिए खड़ा हो जाता था, "बेटी मेरी बेटी आई है, जो हर बगीचे में नहीं खिलती।" वह उसके आँसू पोंछती…
हौज़ा / अस्तान कुद्स रिज़वी के गैर-ईरानी तीर्थयात्रियों के विभाग के निदेशक हुज्जतुल-इस्लाम सैयद मोहम्मद ज़ुल्फ़िकारी ने हरम मुताहर रिज़वी में लड़कियों के जशने तकलीफ़ के अवसर पर बोलते हुए कहा…