۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
عید الاضحیٰ

हौज़ा/जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को ईदुल-अज़हा के मौके पर गायों और ऊंटों के अवैध कुरबानी पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पर सफाई देते हुए कहां कि मध्य क्षेत्रों में मवेशियों के कुरबानी पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , जम्मू-कश्मीर,में पशु कि कुरबानी से संबंधित विभिन्न अधिनियमों को लागू करने के लिए पशु कल्याण बोर्ड द्वारा आदेश जारी किया गया था।और प्रशासन का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि पशु और भेड़ विभाग ने स्पष्ट किया था कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने नियमों के अनुसार पशु कुरबानी पर प्रतिबंध नही लगाया हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय पशु कल्याण बोर्ड हर साल नियमों का पालन करते हुए जानवरों के कुरबानी पर एडवाइजरी जारी करता है।
इस साल भी यही एडवाइजरी जारी की गई है और संबंधित अधिकारियों को भेजी गई है।
इससे पहले, जम्मू-कश्मीर पशुपालन और मत्स्य पालन विभाग ने इस संबंध में जम्मू के साथ-साथ कश्मीर के संभागीय आयुक्तों और आईजीपी को निर्देश दिया था।
जिसमें उन्होंने बकाईद के मौके पर गाय, बछड़ों और ऊंटों के कुरबानी पर रोक लगाने की मांग किया था,
जम्मू-कश्मीर के पशुपालन और मत्स्य पालन विभाग ने 25 जून को भारत सरकार के मत्स्य पालन, डेयरी और पशु कल्याण बोर्ड को पत्र लिखा था।
एक आधिकारिक पत्र का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 21-23 जुलाई 2021 तक ईद-उल-अजहा के दौरान जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में जानवरों की कुरबानी दिए जाने का खतरा बताया हैं।
एक प्रमुख राजनीतिक दल, नेशनल कांफ्रेंस ने ईदुल आज़हा के अवसर पर गायों और ऊंटों के अवैध कुरबानी पर प्रतिबंध लगाने के लिए बुलाए गए एक पत्र का कड़ा विरोध किया है।
शुक्रवार को प्रतिबंध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, जम्मू-कश्मीर में विभिन्न धार्मिक संगठनों के एक समूह मुत्ताहिदा मजलिसे उलेमा ने नाराज़गी व्यक्त कि प्रतिबंध धार्मिक स्वतंत्रता का सीधा उल्लंघन है।

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