हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने अपने एक सभा को संबोधित करते हुए कहां जैसे आपने 27 दिसंबर 2000 के मौके पर हज़रत ईसा मसीह अलैहिस्सलाम के जन्मदिन के मौके पर दुनिया के तमाम मोमिनो और तमाम ईसाइयों और मुसलमानों की खिदमत में बधाई पेश कि हैं।
जिसका पूरा पाठ इस तरह है:
अल्लाह के इस महान पैगंबर हज़रत ईसा मसीह अलैहिस्सलाम के जन्मदिन के अवसर पर दुनिया के तमाम मोमिनो तमाम ईसाइयों और तमाम मुसलमानों की खिदमत में बधाई पेश करते हैं,
निश्चित रूप से मुसलमानों की नज़र में हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की कद्र व मंजिलात ईसाई धर्म को मानने वाले ईसाइयों की नज़र में उनके मूल्य से कम नहीं है।
इस महान पैगंबर हजरत ईसा मसीह अलैहिस्सलाम ने लोगों के दरमियान अपनी उपस्थिति का पूरा सारा समय व्यतीत किया ताकि दमन, आक्रामकता और भ्रष्टाचार और तुलना करने वालों के बीच व्यतीत किया जा सके।
जिन्होंने पैसे और ताकत के बलबूते पर कौम के लोगों के पैरों में जंजीर डाल रखी थी और इन्हें घसीट कर दुनिया और आखिरत के जहन्नम की तरफ ले जा रहे थे, इस अजीब पैगंबर ने बचपन ही से जुल्म के खिलाफ संघर्ष करके दीन ए खुदा की बुनियाद को मजबूत किया, अल्लाह तआला ने इन्हें बचपन ही में नबूवत अता कर दी थी, जो परेशानियों का सामना किए इसी रास्ते में थे,
इसकी अपेक्षा यह है कि ईसा मसीह के अनुयायी तथा वे सभी लोग जो इस महान व्यक्तित्व को, अपनी गरिमा तथा गरिमा के योग्य मानते हैं, इस तरह उनका अनुसरण करेंगे।