हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ज़िलहिज्जा के 9वें दिन अराफ़ा के दिन की शुरुआत बैतुल्लाह अलहराम के तीर्थयात्री, जिनके पास है अराफात के रेगिस्तान में एकत्रित होकर हज के सबसे बड़े रुकन को अनजाम देते हैं।
इस विशाल रेगिस्तान में, हर रंग और नस्ल के बैतुल्लाह अलहराम के तीर्थयात्री अपनी ज़ुबान ईश्वर के सामने खोलते हैंऔर यहां विभिन्न राष्ट्रीयताओं और नस्लों के मुसलमानों के बीच कोई अंतर नहीं है, बल्कि ईश्वर की नजर में सबसे पवित्र हैं।
अराफा के दिन बैतुल्लाह अलहराम के तीर्थयात्री निमारा मस्जिद से अराफा के उपदेश सुनते हैं। इस उपदेश का अंग्रेजी, फ्रेंच, फ़ारसी, उर्दू, तुर्की, चीनी और रूसी सहित 20 प्रमुख भाषाओं में अनुवाद किया जाता है
ताकि इस्लामी मूल्यों का संदेश दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मुसलमानों की आम जनता तक पहुंच सके इसदिन बैतुल्लाह के मौजूद बड़ी संख्या में हाजियों एक साथ मिलकर अल्लाह तआला की बारगाह में दुआ करते हैं।