हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने फरमाया,हज करने का सौभाग्य पाने वाले हाजियों और ख़ास तौर पर इस्लामी मुल्कों के ओलमा और वक्ताओं से जो इस समागम में हाज़िर हुए हैं
और दोनों पवित्र स्थलों (काबा और मस्जिदुन्नबी) के नमाज़े जुमा के वक्ताओं से मेरी ताकीद यह है कि मुद्दे की सही समझ के साथ अपने आज के तात्कालिक कर्तव्य को फिर से समझें,
उनमें जितना जज़्बा और जितनी ताक़त है उसे उपयोग करके साम्राज्यवादियों, इस्लामी जगत के दुश्मनों और सबसे बड़े फ़ितने यानी ज़ायोनीवाद और अमरीका के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं और मुशरिकों से बराअत को अपनी कथनी और करनी में व्यवहारिक करें।
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