हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, आयतुल्लाह सय्यद मुहम्मद ग़रवी ने "हौज़ा न्यूज़ एजेंसी" के साथ अपने साक्षात्कार में लेबनान में हाल के हमलों और घटनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने इज़रायली राज्य के कायरतापूर्ण कृत्यों की निंदा की, जिसमें पेजर में विस्फोट करना और हिज़्बुल्लाह अधिकारियों सहित नागरिकों को निशाना बनाना शामिल था।
आयतुल्लाह ग़रवी ने कहा कि पेजर्स द्वारा किए गए विस्फोट, जो एक इजरायली साजिश का हिस्सा थे, एक अमानवीय और अवैध कार्य था जिसने निर्दोष लोगों को निशाना बनाया। उन्होंने घायलों की बहादुरी और दृढ़ संकल्प की प्रशंसा की, विशेषकर क्रांति के सर्वोच्च नेता के लिए दुआ की, जबकि कुछ घायलों को सय्यद हसन नसरुल्लाह की शहादत के बारे में भी पता नहीं था।
उन्होने कहा कि ईरान ने सही समय पर इजरायली आक्रामकता का जवाब दिया और यह जवाबी कार्रवाई दुनिया के लिए एक संदेश है कि उत्पीड़ितों के समर्थन में देरी नहीं की जाएगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इजराइल की यह धारणा कि दबाव या धमकी से हिजबुल्लाह और उसके समर्थकों का प्रतिरोध खत्म हो सकता है, गलत है। उन्होंने कहा कि ईरानी सेना द्वारा इजरायली हमले का जवाब बेहद रणनीतिक था, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कारगर साबित हुआ।
आयतुल्लाह गरवी ने यह भी बताया कि सय्यद हसन नसरुल्लाह और अन्य कमांडरों की शहादत ने प्रतिरोध आंदोलन को मजबूत किया, जिससे साबित हुआ कि इजरायली राज्य की क्रूरता लोकप्रिय संकल्प को मजबूत करती है।
इसके अलावा, आयतुल्लाह गरवी ने लेबनान में इजरायली राज्य द्वारा किए गए आतंकवादी कृत्यों पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी की कड़ी आलोचना की।