हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता एजेंसी के अनुसार, सूडान से उभरा दुनिया का सबसे आधुनिक देश दक्षिण सूडान एक दशक की सबसे भीषण आपदा की चपेट में है, जहां 41,000 लोग विस्थापित हुए हैं, जबकि प्रभावित लोगों की कुल संख्या 8,93,000 है। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के मुताबिक, देश में भारी बारिश के कारण आई इस बाढ़ के कारण 15 प्रमुख सड़कें पूरी तरह से बंद हो गई हैं ।
दक्षिण सूडान की कुल 78 काउंटियों में से 42 काउंटियाँ बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें जुबा और खार्तूम के बीच विवादित अबेई प्रशासनिक क्षेत्र भी शामिल है, जबकि यूनिटी और वारिप प्रांतों की 16 काउंटियों में से 40 प्रतिशत आबादी बाढ़ से प्रभावित है ऊंची भूमि पर शरण मांगना। बता दें कि 2011 में सूडान से आजादी मिलने के बाद से यह देश अस्थिरता, आर्थिक मंदी, प्राकृतिक आपदाओं, सूखे और बाढ़ से जूझ रहा है। विश्व बैंक के अनुसार, सूडान में चल रहे युद्ध के परिणामस्वरूप, सितंबर तक 797,000 शरणार्थी दक्षिण सूडान में आ चुके थे, जिनमें से 80% लोग दक्षिण सूडान लौटने वाले थे। दक्षिण सूडान में तेल भंडार हैं, लेकिन सूडान में चल रहे युद्ध के परिणामस्वरूप, देश की विदेशी मुद्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एक प्रमुख पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे तेल निर्यात में उल्लेखनीय कमी आई है।