हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार,ईरान के शहर सावा में मजमअ हाफ़िज़ान व कुरानियान और मरकज़ नूर-उल-सक़लैन रिहानत-उर-रसूल स.ल.के सहयोग से कुरान मजीद के हिफ़्ज़ के उसूल और तरीक़े के विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार यह कार्यशाला हुसैनिया तालीमात-ए-हौज़वी रिहानत-उर-रसूल स.ल. संस्थान में आयोजित की गई, जिसमें पूरे कुरान के हाफ़िज़ और मूअस्सस हामियार के निदेशक हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अली रज़ा नक़वी सहित विभिन्न हाफ़िज़ और कुरान के शिक्षकों ने भाग लिया।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अली रज़ा नक़वी ने कुरान मजीद को याद करने के महत्व पर चर्चा करते हुए इसके आध्यात्मिक और भौतिक लाभों पर प्रकाश डाला और कहा,कुरान मजीद की आयतों, मासूमीन अलैहिमुस्सलाम की रिवायतों और उलमा के कथनों में भी कुरान मजीद के हिफ़्ज़ के आध्यात्मिक लाभ बताए गए हैं।
उन्होंने आगे कहा,इन लाभों में उल्लेख है कि हाफ़िज़-ए-कुरान (अल्लाह तआला की विशेष कृपा के कारण) सबसे बेनियाज़ होते हैं वे अपने 10 करीबी रिश्तेदारों की सिफ़ारिश कर सकते हैं और जन्नतियों में पहले दर्जे में गिने जाते हैं।
मूअस्सस हामियार के निदेशक ने कहा,कुरान का हिफ़्ज़, सामाजिक फितनों से बचने का साधन है। कुरान मजीद का हिफ़्ज़ इंसान के लिए ऐसा ज़ख़ीरा है जो उसे फितनों और कठिनाइयों से महफूज़ रखता है।