हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध धर्मगुरु और उपदेशक और मेलबर्न के इमाम जुमा, ऑस्ट्रेलिया के शिया उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सय्यद अबू अल-कासिम रिज़वी ने हाल ही में इराक की यात्रा के दौरान नजफ़ अशरफ़ में जामेअतुल इमाम अमीर अल-मोमिनिन (अ) नजफी हाउस के छात्रों से मुलाकात की।
यह बैठक एक आध्यात्मिक और शैक्षणिक सत्र के रूप में आयोजित की गई, जहां मौलाना सैयद अबुल कासिम रिजवी ने छात्रों को संबोधित किया और धर्म के प्रचार के महत्व और आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "धर्म का प्रचार करना केवल कर्तव्य नहीं बल्कि पैगम्बरों और इमामों की विरासत है और हमें इसे पूरी जिम्मेदारी और ईमानदारी के साथ निभाना चाहिए।"
मौलाना ने अपने भाषण की शुरुआत दिवंगत शिक्षकों हुज्जतुल इस्लाम वा मुस्लेमीन शेख नासिरी और हुज्जतुल इस्लाम वा इस्माइल रजबी के लिए फातेहा पढ़कर की। मौलाना रिजवी ने मृतकों की क्षमा के लिए प्रार्थना की और उनकी विद्वत्तापूर्ण एवं मिशनरी सेवाओं के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि "शिक्षकों का सम्मान ज्ञान के आशीर्वाद का कारण है, और प्रत्येक छात्र के लिए शिक्षक का सम्मान और आदर करना अनिवार्य है। अल्लाह, रसूल और इमामों ने शिक्षक की भूमिका को महत्व दिया है, और हमें भी उनका अनुसरण करना चाहिए।" "हमें उनके पदचिन्हों पर चलना चाहिए।"
बैठक के दौरान मौलाना अबू अल-कासिम रिजवी ने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए और उनसे धर्म की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने का आग्रह किया।
अंत में मौलाना ने दुआ की कि अल्लाह तआला मृतक को दया के दायरे में स्थान प्रदान करें तथा वर्तमान छात्रों को ज्ञान और कर्म के मार्ग पर सफलता प्रदान करें।
यह बैठक विद्यार्थियों के लिए एक यादगार अवसर साबित हुई, जिसने उन्हें धर्म प्रचार के क्षेत्र में और अधिक लगन व समर्पण से काम करने का संकल्प दिलाया।
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