हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ब्रिटेन की संसद की अंतर्राष्ट्रीय विकास समिति ने ग़ज़्ज़ा की मानवीय स्थिति, वैस्ट बैंक में हो रही घटनाओं और बेघर हुए फिलिस्तीनियों पर एक रिपोर्ट जारी कर सरकार से कहा गया कि ब्रिटिश सरकार को फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए और इसके लिए स्पष्ट शर्तों और समयसीमा के साथ योजना बनानी चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ग़ज़्ज़ा में इस्राईल की सैन्य कार्रवाई के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर नागरिक हताहत हुए हैं और गाज़ा पट्टी की मूल नागरिक संरचना तबाह हो गई है। समिति ने अंतर्राष्ट्रीय अदालतों के निर्णयों का हवाला देते हुए यह संभावना जताई कि ग़ज़्ज़ा में इस्राईल की सैन्य अभियान में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का गंभीर उल्लंघन हो सकता है, जिससे इस्राईल पर नरसंहार के आरोप लगाए जा सकते हैं।
समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि ग़ज़्ज़ा की बुनियादी मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रोजाना 500 सहायता ट्रकों की आवश्यकता है, लेकिन यह संख्या घटकर औसतन 25 रह गई है। समिति ने इस्राइली हवाई हमलों के बाद नागरिकों को निशाना बनाने वाले ड्रोन के इस्तेमाल पर भी चिंता जताई। समिति ने ब्रिटिश सरकार से आग्रह किया कि वह अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन करने के लिए इस्राईल को जवाबदेह ठहराने के लिए हर संभव प्रयास करे।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 7 अक्टूबर 2023 से 31 अक्टूबर 2024 के बीच इस्राईल ने वैस्ट बैंक और पूर्वी यरूशलम में फिलिस्तीनियों की 1,800 से अधिक संरचनाओं को नष्ट किया और हज़ारो फिलिस्तीनियों को मारा। इस दौरान, इस्राईली कब्जे के कारण करीब 1,722 फिलिस्तीनी बेघर हुए।
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