हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. मसूद पिज़िश्कीयान ने अपनी तीसरी प्रांतीय यात्रा के दौरान खुज़स्तान प्रांत के बुद्धिजीवियों और प्रमुख हस्तियों के साथ एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा: "यह कुरान ही है जिसने हमें अपमान से बाहर निकाल कर सम्मान दिया है।"
उन्होंने कहा: पवित्र कुरान सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं बल्कि अमल के लिए है। मासूमीन (अ) ने भी फ़रमाया है, "हमारा शिया हमारे लिए श्रृंगार का स्रोत होना चाहिए।"
डॉ. मसूद पिज़िश्कीयान ने कहा: ज्ञान, ऊर्जा और रचनात्मकता मुफ्त में नहीं मिलती।
उन्होंने आगे कहा: हमें उस बाज की तरह होना चाहिए जो दुनिया पर अपनी नजर रखता है, न कि उस कीड़े की तरह जो यह भी नहीं देख सकता कि उसके सामने क्या है। जब हम यह स्वीकार कर लेंगे और यह विश्वास विकसित कर लेंगे कि हमें दूसरों से पीछे नहीं रहना चाहिए या उनसे कमतर नहीं होना चाहिए, तब हम आगे बढ़ने का रास्ता खोज लेंगे या अपना स्वयं का मार्ग बना लेंगे।
ईरानी राष्ट्रपति ने कहा: दुश्मन सोचता है कि वह विभिन्न प्रतिबंधों और घेराबंदी के माध्यम से हमें घुटने टेकने पर मजबूर कर सकता है, हालांकि यह उसकी गलती है। लेकिन हम दुनिया से झगड़ने के बजाय शांति और सुकून से रहना चाहते हैं। हमें पैगम्बर मुहम्मद (स) के उदाहरण का अनुसरण करना चाहिए तथा समस्याओं, मतभेदों और विवादों को समाप्त कर एक-दूसरे के साथ सहयोग करना चाहिए। यदि हम इस प्रकार कार्य करें तो वर्तमान समस्याओं के एक नहीं बल्कि सैकड़ों समाधान हैं।
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