हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईद-मबअस के अवसर पर पाकिस्तान, भारत और अन्य देशों में रहने वाले उर्दू भाषी तीर्थयात्रियों के लिए इमाम रज़ा (अ) की दरगाह के सहने ग़दीर में एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में उर्दू भाषी तीर्थयात्री शामिल हुए।
जश्न की शुरुआत में अहले बैत के शायर श्री मुहम्मद अजमल ने अहले बैत (अ) की शान में मनक़बत पढ़ी और इस मुबारक ईद के मौके पर हज़रत इमाम अली रज़ा (अ) को बधाई दी।
बाद में, इमाम रजा (अ) के हरम के उर्दू वक्ता हुज्जतुल इस्लाम पीर शाह इरफान हैदर नकवी ने ईद-मबअस के विषय पर बोलते हुए कहा कि अल्लाह तआला ने मानव जाति के मार्गदर्शन के लिए पैगंबर भेजे हैं। दया और बुद्धि का शासन..
उन्होंने कहा कि नबूवत का एक लाभ यह है कि अल्लाह द्वारा पैगम्बर (स) पर उतारी गई आयतों ने आत्मा को मजबूत किया और ईमान वालों का ईमान बढ़ाया। इसी तरह पैगम्बरों के मिशन ने इंसानों को आत्म-सुधार का सही रास्ता दिखाया इससे पता चलता है कि अल्लाह तआला ने विश्वास का जीवन जीने के लिए भविष्यद्वक्ताओं के माध्यम से जीवन का एक व्यापक और परिपूर्ण तरीका प्रस्तुत किया है।
कार्यक्रम के अंत में कवि श्री वहीद हुसैन लाशारी ने पवित्र पैगंबर (स) के सम्मान में कसीदे पढ़े।
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