मंगलवार 4 फ़रवरी 2025 - 12:22
आज अगर दीन का नाम बाक़ी है तो यह हुसैनी मकतब की बरकत से है

हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम बी आज़ार तेहरानी ने कहा, दीन और आध्यात्मिक व नैतिक मूल्यों की रक्षा हज़रत इमाम हुसैन अ.स. की वह महान विरासत है जो अहल-ए-ईमान के लिए बाक़ी रह गई है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , हरम-ए-मुतहर रिज़वी के ज़ायरीनों और मुजावरों के लिए रेवाक-ए-इमाम ख़ुमैनी रह.में हज़रत अबा अब्दिल्लाहुल हुसैन अ.स.के नूरानी मिलाद की ख़ुसूसी तक़रीब का ऐहतमाम किया गया इसमें हुज्जतुल इस्लाम एहसान बी आज़ार तेहरानी ने इस इमाम-ए-आली मक़ाम अ.स. की शख्सियत पर रौशनी डाली।

उन्होंने कहा,3 शाबान इस्लामी गणराज्य ईरान के कैलेंडर में यौम-ए-पासदार के रूप में भी दर्ज है यह दिन इस्लाम के उन संरक्षकों पासदारों की याद दिलाता है जिन्होंने हुसैनी मकतब से सबक़ लेते हुए दीन-ए-मुबीनी इस्लाम के उच्च मूल्यों की रक्षा की।

इमामज़ादे सालेह अ. तेहरान के मुतवल्ली ने हदीस-ए-कुदसी का हवाला देते हुए कहा, अल्लाह तआला ने हज़रत सैय्यदुश्शुहदा अ.स. को ख़ाज़िन-ए-वही यानी ईश्वरीय वह़ी  का संरक्षक क़रार दिया है।

अगर आज दीन का नाम बाक़ी है तो यह हुसैनी मकतब की बरकत से है वरना उमवी शासक इस्लाम की वास्तविक आत्मा को पूरी तरह मिटा चुके होते।

हुज्जतुल इस्लाम बी आज़ार तेहरानी ने आगे कहा, हज़रत अबा अब्दिल्लाहुल हुसैन अ.स. चराग़-ए-हिदायत और उम्मत-ए-इस्लामी की नजात की किश्ती हैं उन्होंने आशूरा की क़ुर्बानी के ज़रिए दुनिया को इसरार शुजाअत और आज़ादी का अमर सबक़ दिया।

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