हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, शिया उलमा काउंसिल पाकिस्तान के केंद्रीय उपाध्यक्ष अल्लामा अरिफ हुसैन वाहेदी ने ग़ज्ज़ा पर क़ब्ज़े के ट्रंप के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अवैध इस्राईली सरकार ने पंद्रह महीनों में अहल-ए-गज़ा पर आफत डाल दी, जुल्म और बर्बरता की सबसे बुरी मिसाल कायम की, लेकिन अहल-ए-गज़ा की बहादुरी, गैरत और सब्र के मुकाबले इजराइल को सबसे बुरी हार और बेइज़्ज़ती का सामना करना पड़ा और गज़ा पर क़ब्ज़े का उसका ख्वाब पूरा नहीं हो सका, और कोई मकसद हासिल किए बिना वह गज़ा से भाग गया।
अल्लामा अरिफ हुसैन वाहेदी ने कहा: फिलिस्तीनियों पर इस सभी जुल्म के पीछे अमेरिका था। अब राष्ट्रपति ट्रंप ने शायद खुद हमास के मुजाहिदीन के मुकाबले आने का फ़ैसला किया है। तारीख गवाह है कि अमेरिका जैसा हमेशा हारता आया है वैसे ही हार जाएगा, लेकिन गज़ा के बारे में उसकी ये साज़िशें कभी कामयाब नहीं होंगी।
उन्होंने और कहा: इजराइल की तरह न तो वह गज़ा पर क़ब्ज़ा कर सकेगा और न ही हमास का खातमा कर सकेगा। लेकिन हम अंतरराष्ट्रीय संगठनों और खासकर मानवाधिकारों के दावेदारों से ये सवाल करते हैं कि अब नितेनयाहू की तरह ट्रंप भी अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों और मानवाधिकारों का मजाक उड़ा रहा है। इस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक संयुक्त बयान और प्रतिक्रिया की बहुत जरूरत है। इसके अलावा पूरी मुस्लिम उम्मा को जागरूकता और इस्लामी गैरत का सबूत देते हुए इस अमेरिकी धमकी के मुकाबले खड़ा होना चाहिए और उन्हें एकजुट होकर फिलिस्तीनियों के साथ खड़े होने का एलान करना चाहिए।
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