हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , गुरुवार को बेरूत के रफीक हरीरी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ईरान की महान एयरलाइन के दो विमानों की लैंडिंग रोकने के बाद लेबनान में विशेष रूप से हिज़्बुल्लाह और उसके समर्थकों की ओर से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखा गया।
ईरानी विमानों की लैंडिंग रोकने का यह कदम उस समय सामने आया जब इज़रायली सेना ने दावा किया कि ईरान यात्री विमानों के जरिए लेबनान के हिज़्बुल्लाह को नकद धनराशि भेज रहा है। हालांकि इस कदम के जवाब में तेहरान ने भी लेबनानी विमान की इमाम खुमैनी हवाई अड्डे पर लैंडिंग रोक दी लेकिन हिज़्बुल्लाह और प्रतिरोध के समर्थक इस बात से नाराज़ हैं कि लेबनान की नई सरकार तेल अवीव की मांगों के आगे झुक गई है।
इस घटना के बाद बेरूत में गुरुवार से ही लेबनानी युवाओं के विरोध प्रदर्शन जारी हैं बीती शाम भी सैकड़ों लोगों ने हिज़्बुल्लाह के आह्वान पर बेरूत हवाई अड्डे के रास्ते पर शांतिपूर्ण धरना दिया लेकिन इस धरने पर लेबनानी सेना और सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया देखने को मिली।
सुरक्षा बलों की दखलअंदाजी और आंसू गैस के गोले दागे जाने के कारण कई प्रदर्शनकारी दम घुटने की स्थिति में आ गए और अंततः हिज़्बुल्लाह लेबनान ने तनाव को और बढ़ने से रोकने के लिए अपने समर्थकों से धरना समाप्त करने की अपील की।
इस प्रदर्शन में भाग लेने वालों ने लेबनान का झंडा, हिज़्बुल्लाह का झंडा और शहीद सैयद हसन नसरल्लाह की तस्वीरें उठा रखी थीं और अमेरिका व इज़राइल के हस्तक्षेप के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
हिज़्बुल्लाह की राजनीतिक परिषद के उपाध्यक्ष हाज महमूद क़माती ने धरने में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उनका धन्यवाद किया और इज़राइल व अमेरिका द्वारा थोपे गए फैसलों को अस्वीकार्य बताया।क़माती ने कहा,हमने शहीद दिए हैं ताकि हमारी इज्जत बनी रहे और इस देश की असली संप्रभुता कायम रहे।
उन्होंने जोर देते हुए कहा,हमारा रुख जिसका ऐतिहासिक नारा कर्बला से लेकर आज तक नहीं बदला यही है हैयहात मिन्ना ज़िल्लाह (हम कभी भी अपमान स्वीकार नहीं करेंगे)।
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